
समाचारदूत@रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। एक धान खरीदी केंद्र से 3466 क्विंटल धान गायब है, जिसकी कीमत करीब 43 लाख रुपए बताया जाता है। इस मामले को लेकर बड़ी संख्या में किसानों ने समिति का घेराव कर दिया। वहीं मीडिया के पहुंचने की सूचना पर सभी जिम्मेदार कुर्सी छोड़ भाग खड़े हुए। इतना बड़ा घोटाला और शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने के बाद भी अब तक राजनीतिक दबाव के चलते अपराध दर्ज नहीं हो पाया है। मामला दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के सेवा सहकारी केंद्र निकुम क्रमांक 692 (धान खरीदी केंद्र) थाना अंडा थाना क्षेत्र का है। भारतीय किसान संघ दुर्ग तहसील अध्यक्ष भागवत राम पटेल सहित मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद किसानों ने बताया कि सेवा सहकारी केंद्र (धान खरीदी केंद्र) से 3466 कट्टा धान गायब है। इसकी कीमत करीब 40 लाख रुपए बताया जाता है। ऑडिट के दौरान इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ। इस मामले को लेकर किसानों ने धान खरीदी केंद्र का घेराव कर दिया। किसानों ने समिति के अध्यक्ष भैया लाल साहू, समिति इंचार्ज भेषज साहू सहित सभी कर्मचारी और ठेकेदार पर गबन का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों ने मीडिया को बुलाया तो जिम्मेदार कुर्सी छोड़ गायब हो गए। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जब समिति अध्यक्ष भैया लाल साहू और समिति इंचार्ज भेषज साहू से संपर्क करने का कई बार प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। ताज्जुब की बात है कि इतना बड़ा घोटाले के बाद भी अब तक FIR दर्ज नहीं हो पाया है। किसानों का कहना है कि उन्हें अध्यक्ष द्वारा बताया गया था कि थाने में अपराध दर्ज कराया गया है लेकिन अंडा थाना प्रभारी से जानकारी मांगे जाने पर उन्होंने बताया कि इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है। वहीं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के CEO S K जोशी का कहना है कि खाद्य विभाग की जांच मे स्टॉक में धान कम पाया गया है। समिति के कर्मचारी खरीदी व उठाव के एन्ट्री में गड़बड़ी की संभावना बता रहे हैं। इस पर दस्तावेजों की जांच व स्टॉक का मिलान कराया जा रहा है। गड़बड़ी पाई गई तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।